राजस्थान-गुजरात सीमा पर 23 से 25 जुलाई तक South Western Air Command की सैन्य तैयारियां
भारतीय वायुसेना की South Western Air Command 23 जुलाई से 25 जुलाई के बीच राजस्थान और गुजरात के सीमावर्ती इलाकों में एक महत्वपूर्ण हवाई युद्धाभ्यास करने जा रही है। यह वही क्षेत्र है जो पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटा हुआ है। भारत की यह कवायद साफ तौर पर इस संदेश को दोहराती है कि उसकी सुरक्षा तैयारियां किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह सक्षम हैं।
भारत और पाकिस्तान के बीच 7 से 10 मई के बीच हुए सैन्य टकराव के बाद भले ही युद्धविराम लागू हो गया हो, लेकिन दोनों देशों के बीच ‘छाया युद्ध’ यानी Shadow Boxing लगातार जारी है। ताजा संकेत दोनों देशों द्वारा अपने-अपने सीमावर्ती हवाई क्षेत्र को सैन्य अभ्यासों के लिए सुरक्षित रखने की घोषणाओं से मिले हैं। दोनों ही देशों ने अपने-अपने NOTAM (Notice to Airmen) जारी किए हैं, जो यह दर्शाता है कि सैन्य तैयारी जारी है।
भारत की ओर से South Western Air Command का यह अभ्यास जहां सटीक सैन्य रणनीति का परिचायक है, वहीं पाकिस्तान ने भी अपने मध्य और दक्षिणी हिस्सों के लिए 22-23 जुलाई तक NOTAM जारी किया है। इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि पाकिस्तान भी सैन्य गतिविधियों और तैयारियों में पीछे नहीं रहना चाहता।
गौरतलब है कि 7 मई को भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और POK में कुल 9 आतंकी ठिकानों पर गहरी और सटीक हवाई हमले किए थे। इस कार्रवाई में भारत ने स्पष्ट किया था कि उसका मकसद आतंकी ढांचे को नष्ट करना है, न कि पाकिस्तान की संप्रभुता पर हमला करना। इसके जवाब में पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइलों से भारत के एयरबेस, सैन्य ठिकानों और नागरिक इलाकों को निशाना बनाया था। इसके प्रत्युत्तर में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के कम से कम 9 एयरबेस और 3 रडार साइट्स को सफलतापूर्वक निशाना बनाया था, जिनमें कुछ परमाणु प्रतिष्ठानों और कमांड एंड कंट्रोल ढांचे के नजदीक थे।
इन हमलों में भारत ने Su-30MKI, राफेल और मिराज-2000 जैसे आधुनिक लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया था, साथ ही BrahMos, Crystal Maze-2, Rampage और Scalp जैसी आधुनिक मिसाइलों का भी प्रयोग किया गया था। भारतीय हमलों की खासियत यह रही कि हर हमला सटीक, लक्षित और योजनाबद्ध था।
दोनों देशों की ओर से किए जा रहे सैन्य अभ्यास इस बात का संकेत हैं कि मई के संघर्ष के बाद भी हालात सामान्य नहीं हैं। भारत जहां अपनी तैयारी और आक्रामक सैन्य क्षमताओं को प्रदर्शित कर रहा है, वहीं पाकिस्तान भी अपनी सैन्य सक्रियता को कम नहीं दिखाना चाहता।
यह छाया युद्ध केवल सैन्य रणनीति तक सीमित नहीं है। भारत इन अभ्यासों के जरिये पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह संदेश दे रहा है कि यदि आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो वह दोबारा सैन्य कार्यवाहियां करने में संकोच नहीं करेगा। वहीं पाकिस्तान अपनी आंतरिक अस्थिरता और आर्थिक संकट के बावजूद यह दिखाना चाहता है कि वह सैन्य दृष्टि से कमजोर नहीं है।
भारत और पाकिस्तान के बीच यह छाया युद्ध दर्शाता है कि सीमा पर भले ही बंदूकें शांत हो जाएं, लेकिन कूटनीति और सैन्य तैयारी के स्तर पर तनाव कायम है। भारत अपने आतंकवाद विरोधी रुख और सैन्य श्रेष्ठता को दोहराने में पीछे नहीं हट रहा है। आने वाले दिनों में दोनों देशों के बीच यह शक्ति प्रदर्शन का खेल जारी रहेगा।