ऑपरेशन सिंदूर पर बहस से बाहर कांग्रेस सांसद, ‘भारत की बात सुनाता हूँ’ से जताई नाराजगी
पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर सरकार की वैश्विक रणनीति में शामिल कांग्रेस सांसदों को संसद में हो रही बहस से अलग रखने को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हैं। ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी हमले पर लोकसभा में जारी बहस के दौरान कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी और शशि थरूर को बोलने का अवसर नहीं दिया गया, जिससे असंतोष उभर कर सामने आया।
तिवारी ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर 1970 की फिल्म पूरब और पश्चिम के देशभक्ति गीत की पंक्तियाँ—“है प्रीत जहाँ की रीत सदा, मैं गीत वहाँ के गाता हूँ, भारत का रहने वाला हूँ, भारत की बात सुनाता हूँ”—साझा कर पार्टी नेतृत्व पर परोक्ष कटाक्ष किया।
गौरतलब है कि तिवारी और थरूर उन सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों में शामिल थे जिन्हें सरकार ने विदेश भेजा था ताकि पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद पर वैश्विक समर्थन जुटाया जा सके। थरूर ने एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भी किया था।
सूत्रों के अनुसार तिवारी ने पार्टी से बहस में बोलने का अनुरोध किया था, जबकि थरूर ने खुद रुचि नहीं दिखाई और बाद में केवल “मौनव्रत, मौनव्रत” कहकर मीडिया के सवालों को टाल दिया। उन्होंने अब भारतीय बंदरगाह विधेयक पर बोलने की इच्छा जताई है, जो उनके निर्वाचन क्षेत्र तिरुवनंतपुरम के विझिंजम बंदरगाह से जुड़ा है।
भाजपा सांसद बैजयंत पांडा ने कहा कि कांग्रेस जानबूझकर थरूर को नहीं बोलने दे रही, लेकिन उन्हें यह देखकर खुशी हुई कि थरूर को राष्ट्रहित में बोलने से कोई नहीं रोक सका।
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