वैशाली। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि भगवान बुद्ध की ऐतिहासिक भूमि वैशाली में 29 जुलाई को बनने जा रहे ‘बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप’ का उद्घाटन एक वैश्विक अवसर होगा, जिसमें 15 देशों के बौद्ध भिक्षु भाग लेंगे।
मुख्यमंत्री ने सोमवार को ‘एक्स’ पर पोस्ट कर बताया कि 72 एकड़ भूमि पर बने इस भव्य स्तूप का निर्माण राजस्थान के गुलाबी पत्थरों से किया गया है और इसका पर्यावरणीय स्वरूप भी आकर्षक रखा गया है, जिससे पर्यटकों को एक सुखद अनुभव हो सके। उन्होंने इसे बिहारवासियों के लिए गौरव का क्षण बताया।
संग्रहालय के प्रथम तल पर भगवान बुद्ध का पावन अस्थि कलश स्थापित किया गया है, जो स्मारक का प्रमुख केंद्र बिंदु होगा। नीतीश कुमार ने बताया कि बुद्ध का यह अस्थि अवशेष वैशाली के मड स्तूप से प्राप्त हुआ है, जिसे सबसे प्रामाणिक माना जाता है। इसका उल्लेख चीनी यात्री ह्वेनसांग ने भी अपनी यात्रा विवरण में किया है।
उन्होंने कहा कि वैशाली न केवल पहला गणराज्य रही है, बल्कि महिला सशक्तीकरण की अग्रणी भूमि भी रही है, जहां पहली बार महिलाओं को बौद्ध संघ में शामिल किया गया। मुख्यमंत्री ने इसे बिहार की सांस्कृतिक धरोहर और वैश्विक बौद्ध विरासत का प्रतीक बताया।
उन्होंने कहा कि यह स्तूप वैशाली को वैश्विक बौद्ध मानचित्र पर प्रतिष्ठित करेगा और पर्यटन, संस्कृति व रोजगार के नए द्वार खोलेगा।