सुप्रीम कोर्ट ने सुशील कुमार की ज़मानत रद्द करने का आदेश दिया, एक सप्ताह में आत्मसमर्पण के निर्देश
नई दिल्ली, 13 अगस्त। सुप्रीम कोर्ट ने पहलवान और दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार की ज़मानत रद्द कर दी है। यह आदेश पीड़ित सागर धनखड़ के पिता अशोक धनखड़ द्वारा उच्च न्यायालय के मार्च में पारित ज़मानत आदेश को चुनौती देने वाली अपील पर सुनवाई के बाद दिया गया। अदालत ने कुमार को एक सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया है।
सुशील कुमार 4 मई, 2021 को दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में पूर्व जूनियर कुश्ती चैंपियन सागर धनखड़ पर हुए हमले और हत्या के मुख्य आरोपियों में से एक हैं। उन्हें इस साल 4 मार्च को न्यायमूर्ति संजीव नरूला द्वारा पारित उच्च न्यायालय के आदेश के तहत ज़मानत मिली थी। अशोक धनखड़ ने अपनी अपील में आरोप लगाया कि ओलंपियन ने मामले के एक प्रमुख गवाह को धमकाया था।
धनखड़ हत्याकांड मामले में कुमार को मई 2021 में गिरफ्तार किया गया था। मुकदमा शुरू होने के बाद से अब तक अभियोजन पक्ष के 186 गवाहों में से केवल 30 से पूछताछ हुई थी, जिसके आधार पर उन्हें ज़मानत मिली थी। हालाँकि, सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने यह ज़मानत पाँच महीने बाद रद्द कर दी।
मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने सुशील कुमार का प्रतिनिधित्व किया, जबकि सिद्धार्थ मृदुल अशोक धनखड़ की ओर से पेश हुए। कुमार के साथ 17 अन्य लोगों पर भारतीय दंड संहिता की हत्या, आपराधिक साजिश, दंगा, अपहरण और डकैती आदि से संबंधित कई धाराओं के तहत आरोप लगाए गए
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