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संसद में व्यवधान से विपक्ष को होता है ज्यादा नुकसान : किरेन रिजीजू

:: Editor - Omprakash Najwani :: 27-Jul-2025
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नई दिल्ली। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा है कि संसद में बार-बार होने वाले व्यवधानों से विपक्ष को सत्ता पक्ष से कहीं अधिक नुकसान होता है, क्योंकि इससे वह सरकार को जवाबदेह ठहराने का अवसर खो देता है। यह टिप्पणी उन्होंने ऐसे समय में की है जब मानसून सत्र का पहला सप्ताह विपक्ष के बार-बार विरोध प्रदर्शन की भेंट चढ़ चुका है।

रिजीजू प्राइम प्वाइंट फाउंडेशन द्वारा आयोजित संसद रत्न पुरस्कार समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि कैसे कई बार नौकरशाह संसद स्थगित होने पर राहत महसूस करते हैं, क्योंकि वे कठिन सवालों से बच जाते हैं। उन्होंने कहा कि जब संसद नहीं चलती, तो सरकार से अधिक विपक्ष को नुकसान होता है। संसद में जब बहस होती है, तो मंत्रियों से सवाल पूछे जाते हैं, जिससे सरकार को जवाबदेही के घेरे में लाया जा सकता है। लेकिन जब सत्र शुरू होते ही स्थगित हो जाता है, तो ये मौके खो जाते हैं।

अपनी संसदीय यात्रा का जिक्र करते हुए रिजीजू ने बताया कि उन्होंने कभी विपक्ष को दुश्मन नहीं माना, बल्कि सहयोगी समझा है। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले उनका अधिकांश समय विपक्षी बेंचों पर बीता है और राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के बावजूद कोई दुश्मनी नहीं होनी चाहिए। एक किस्से का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि जब वह पहली बार लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी से मिले, तो धूम्रपान करने वाले सांसदों के लिए अलग कमरा मांगने गए थे। इस पर उन्हें डांट पड़ी और उन्होंने सीखा कि उच्च पदस्थ व्यक्तियों से उद्देश्यपूर्ण ढंग से संवाद करना चाहिए।

समारोह में 16 सांसदों को संसद रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इनमें चार सांसदों को विशेष जूरी पुरस्कार दिया गया, जिन्हें लगातार तीन कार्यकालों में संसद में उत्कृष्ट योगदान के लिए चुना गया। विशेष पुरस्कार पाने वाले सांसद हैं : भर्तृहरि महताब (भाजपा), एनके प्रेमचंद्रन (क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी), सुप्रिया सुले (राकांपा–शरद पवार), और श्रीरंग अप्पा बारणे (शिवसेना)।

अन्य पुरस्कार पाने वालों में स्मिता उदय वाघ, नरेश म्हस्के, वर्षा गायकवाड़, मेधा कुलकर्णी, प्रवीण पटेल, रवि किशन, निशिकांत दुबे, अरविंद सावंत, विद्युत बरन महतो और दिलीप सैकिया शामिल हैं।

समिति श्रेणी में भर्तृहरि महताब की अध्यक्षता वाली वित्त संबंधी स्थायी समिति और चरणजीत सिंह चन्नी की अध्यक्षता वाली कृषि संबंधी स्थायी समिति को रिपोर्टों की गुणवत्ता और विधायी निगरानी में योगदान के लिए सम्मानित किया गया।


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