बिहार में मतदाता सूची संशोधन पर विपक्ष का संसद परिसर में प्रदर्शन जारी
ई दिल्ली, 12 अगस्त। बिहार में निर्वाचन आयोग द्वारा की जा रही मतदाता सूची पुनरीक्षण की कवायद (एसआईआर) और कथित मतदाता धोखाधड़ी के खिलाफ विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के सांसदों ने मंगलवार को संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। यह विरोध प्रदर्शन संसद परिसर में 15वें दिन भी जारी रहा।
संसद के मकर द्वार के पास कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ’ब्रायन, द्रमुक के टीआर बालू, राकांपा (एसपी) की सुप्रिया सुले, वामपंथी दलों एवं अन्य विपक्षी दलों के सदस्य एकत्र हुए। सांसदों ने हाथों में पोस्टर लेकर नारे लगाए और एसआईआर की प्रक्रिया को वापस लेने की मांग की।
कई सांसद सफेद टी-शर्ट पहने नजर आए, जिन पर ‘मिंता देवी’ का नाम और तस्वीर छपी थी तथा पीछे ‘124 नॉट आउट’ लिखा था। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोकसभा में दावा किया था कि मिंता देवी की उम्र बिहार की मसौदा मतदाता सूची में 124 वर्ष दर्ज है, जो दुनिया के सबसे बुजुर्ग सत्यापित व्यक्ति से भी नौ वर्ष अधिक है।
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने आरोप लगाया कि केंद्रीय निर्वाचन आयोग भाजपा का एक विभाग बन गया है और मतदाता सूची फर्जीवाड़े से भरी हुई है। उन्होंने कहा कि मिंता देवी पहली बार मतदाता बनी हैं और सूची में उनकी उम्र 124 साल दर्ज है।
विपक्षी सांसदों ने पोस्टरों पर ‘‘हमारा वोट, हमारा अधिकार, हमारी लड़ाई’’, ‘‘स्टॉप एसआईआर’’ और ‘‘वोट चोरी’’ जैसे नारे लिखे थे। उनका आरोप है कि यह प्रक्रिया बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं को मताधिकार से वंचित करने की साजिश है।
सोमवार को राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और शरद पवार के नेतृत्व में विपक्षी सांसदों ने संसद से निर्वाचन आयोग कार्यालय तक मार्च निकाला था, लेकिन पुलिस ने उन्हें बीच में ही रोककर कुछ समय के लिए हिरासत में ले लिया था।
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