संयुक्त राष्ट्र में अमित शाह का संबोधन : सहकारिता बनी नवाचार और आत्मनिर्भरता की कुंजी
संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में ‘अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025’ के उपलक्ष्य में आयोजित स्मारक कार्यक्रम में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत में सहकारिता अब कृषि तक सीमित नहीं रही, बल्कि डिजिटल सेवाओं, ऊर्जा, स्वास्थ्य, शिक्षा और वित्तीय समावेशन जैसे क्षेत्रों में नवाचार व आत्मनिर्भरता का प्रभावी माध्यम बन गई है।
‘सहकारिता और सतत विकास : गति बनाए रखना और नई संभावनाएं तलाशना’ विषय पर पूर्व रिकॉर्ड वीडियो के माध्यम से शाह ने कहा कि सहकारिता एक जीवंत, समुदाय-आधारित प्रणाली है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में सम्मानजनक आजीविका और समावेशी विकास को मजबूती देती है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'सहकार से समृद्धि' मंत्र का उल्लेख करते हुए सहकारी मॉडल को मानव-केंद्रित विकास का प्रभावशाली साधन बताया।
भारत में सहकारिता मंत्रालय की स्थापना जुलाई 2021 में हुई और अमित शाह इसके पहले मंत्री बने। उन्होंने बताया कि हाल ही में त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है, जो राष्ट्रीय स्तर पर सहकारी शिक्षा, अनुसंधान और नेतृत्व विकास का केंद्र बनेगा।
कार्यक्रम का आयोजन संयुक्त राष्ट्र में भारत, केन्या और मंगोलिया के स्थायी मिशनों द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। भारत के स्थायी प्रतिनिधि पर्वतनेनी हरीश ने भी सहकारी क्षेत्र के राष्ट्रीय विकास में योगदान पर प्रकाश डाला।
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