एनसीबी हिरासत में युवक की मौत, पूर्व विधायक सिसोदिया बोले– कानून-व्यवस्था पर खड़े हुए सवाल
मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में मादक पदार्थ नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) की हिरासत में 35 वर्षीय महिपाल सिंह राजपूत की मौत हो गई। अधिकारियों के अनुसार, महिपाल सिंह को मादक पदार्थ रखने के आरोप में हिरासत में लिया गया था। पुलिस उपाधीक्षक आर.के. चतुर्वेदी ने बताया कि बिदलगांव थाना क्षेत्र के पिपलिया शीश गांव निवासी महिपाल सिंह के पास से कथित तौर पर 411 ग्राम मादक पदार्थ बरामद किया गया था। इसके बाद उसे बृहस्पतिवार को मंदसौर शहर लाया गया।
आर.के. चतुर्वेदी ने दावा किया कि बाद में महिपाल सिंह की तबीयत बिगड़ गई और उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्होंने बताया कि उसे उल्टी हुई और कथित तौर पर उसका दम घुट गया। उसे ऑक्सीजन सपोर्ट और आवश्यक उपचार दिया गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। अधिकारियों ने बताया कि न्यायिक जांच के आदेश दे दिए गए हैं और चिकित्सकों का एक दल पोस्टमार्टम करेगा।
चतुर्वेदी ने यह भी जानकारी दी कि 2009 में महिपाल सिंह के पास से 300 ग्राम स्मैक बरामद की गई थी, जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया और 2012 में 12 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।
महिपाल सिंह के चाचा जुझार सिंह ने सवाल उठाया कि सिंह को सरकारी अस्पताल की बजाय निजी अस्पताल क्यों ले जाया गया। उन्होंने रात में हुई गिरफ्तारी के तरीके पर भी आपत्ति जताई। जुझार सिंह ने कहा, ‘‘हम संतुष्ट नहीं हैं। जिस तरह से उसे यहां (निजी अस्पताल) लाया गया, वह सवाल खड़े करता है।’’
महिपाल सिंह की मौत की खबर के बाद अस्पताल के बाहर भारी भीड़ जमा हो गई, जिसमें सिंह के गांव के कई लोग शामिल थे। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया।
करणी सेना संगठन के अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुरकर ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में इस घटना की उच्च-स्तरीय जांच की मांग की है। मंदसौर से पूर्व भाजपा विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट कर हिरासत में सिंह की मौत को ‘‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक’’ बताया है और कहा कि इस घटना ने राज्य में कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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