संविधान नहीं देता कार्यवाहक उपराष्ट्रपति की व्यवस्था, उपसभापति लेंगे जिम्मेदारी
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। यह फैसला संसद के मानसून सत्र के बीच आया है, जिसने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। इस्तीफे के बाद सबसे बड़ा सवाल यही है कि अब राज्यसभा की कार्यवाही कौन संचालित करेगा?
संविधान के अनुसार, देश का उपराष्ट्रपति राज्यसभा का सभापति होता है और कार्यवाही का संचालन करता है। लोकसभा में यह भूमिका स्पीकर की होती है। धनखड़ के इस्तीफे के बाद यह जिम्मेदारी अब हरिवंश नारायण सिंह, राज्यसभा के उपसभापति, निभाएंगे। जब तक नए उपराष्ट्रपति का चुनाव नहीं हो जाता, वे ही राज्यसभा की कार्यवाही की अध्यक्षता करेंगे।
संविधान में कार्यवाहक उपराष्ट्रपति की कोई व्यवस्था नहीं है। जैसे हमने कार्यवाहक प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री देखे हैं, वैसे उपराष्ट्रपति के लिए संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। इसलिए, ऐसे किसी भी इस्तीफे के बाद चुनाव ही एकमात्र विकल्प होता है।
अपने त्यागपत्र में धनखड़ ने लिखा, “मैं संविधान के अनुच्छेद 67A के अनुसार अपने पद से इस्तीफा देता हूं। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मंत्रीपरिषद का समर्थन अमूल्य रहा। मैंने अपने कार्यकाल में सांसदों से स्नेह और विश्वास पाया। भारत की आर्थिक प्रगति और परिवर्तन के युग में सेवा देना मेरे लिए सौभाग्य रहा।”
धनखड़ का यह इस्तीफा ऐसे समय पर आया है जब संसद का मानसून सत्र जारी है, जिससे सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों में हलचल तेज हो गई है।