Trending News

दिल्ली-एनसीआर में मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, उड़ानों पर भी असर

:: Editor : Omprakash Najwani :: 10-Jul-2025
:

नई दिल्ली। दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बुधवार को हुई भारी बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया। लगातार बारिश के चलते गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और नोएडा समेत कई इलाकों में जगह-जगह जलभराव हो गया, जिससे लोगों को यातायात में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। मौसम विभाग ने गुरुवार को भी दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश की आशंका जताई है।

उत्तर भारत समेत कई राज्यों में बारिश की चेतावनी
उत्तर पंजाब, उत्तर हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम मध्य प्रदेश, गुजरात, मध्य महाराष्ट्र, केरल, अंडमान व निकोबार द्वीप समूह और पूर्वोत्तर भारत में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है। इसके अलावा विदर्भ, तटीय कर्नाटक, कोंकण व गोवा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में कुछ स्थानों पर भारी वर्षा हो सकती है।

दिल्ली में खराब मौसम के कारण उड़ानों का रुख मोड़ा गया
बुधवार शाम को खराब मौसम की वजह से दिल्ली आने वाली छह उड़ानों को जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतारा गया। इनमें गोवा से दिल्ली आ रही अकासा एयर की उड़ान क्यूपी 1629, भुज से दिल्ली आ रही एयर इंडिया की उड़ान एआई-814 और कोलकाता से दिल्ली रवाना हुई एआई-2768 शामिल हैं। इन विमानों को देर रात तक जयपुर हवाई अड्डे पर खड़ा रखा गया।

रेड अलर्ट से पहले ही शुरू हो गई तेज बारिश
शाम सात बजे मौसम विभाग ने अत्यधिक वर्षा को लेकर रेड अलर्ट जारी किया। लेकिन हैरानी की बात यह रही कि अलर्ट जारी होने से पहले ही कई इलाकों में तेज बारिश शुरू हो चुकी थी। बाद में बारिश की तीव्रता कुछ कम हो गई। विभाग ने बताया कि पूर्व की ओर बढ़ते बादलों के कारण अधिकतर जगहों पर मध्यम और कुछ जगहों पर भारी वर्षा दर्ज की गई। गर्जन वाले बादल, बिजली और 30 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं भी चलीं।

दिल्ली-गुरुग्राम में जलभराव और लंबा ट्रैफिक जाम
तेज बारिश के कारण दिल्ली और गुरुग्राम की सड़कों पर पानी भर गया, जिससे मुख्य मार्गों और हाईवे पर जाम की स्थिति बन गई। खासकर पीक ऑवर के दौरान भारी वाहनों की वजह से लोगों को घंटों जाम में फंसे रहना पड़ा।

हिमाचल में मानसून की तबाही, 85 की मौत
हिमाचल प्रदेश में मानसून के कारण अब तक 85 लोगों की जान जा चुकी है। हिमाचल आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, इनमें से 54 मौतें वर्षाजनित आपदाओं से और 31 सड़क हादसों से जुड़ी हैं। मंडी जिला सबसे ज्यादा प्रभावित है, जहां 17 मौतें दर्ज की गईं। इसके अलावा 129 लोग घायल और 34 लापता बताए गए हैं। भूस्खलन, बादल फटना, अचानक बाढ़ और डूबने जैसी घटनाएं अधिकतर मौतों का कारण बनी हैं।


( Connecting with social media platform )
Facebook | Youtube   |
( पर फ़ॉलो भी कर सकते है )

Latest News